Facts About पारद शिवलिंग कैसे बनता है Revealed

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कालरात्रि – क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः।।

नवग्रहों से जो अनिष्ट प्रभाव का भय होता है, उससे मुक्ति भी पारद शिवलिंग से प्राप्त होती है।

स्कंदमाता – ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नमः।।

इसकी स्थापना शुक्रवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में अथवा दिवाली और नवरात्री मे करें।

पुराणों में बताया गया है कि इस शिवलिंग में संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान होता है।

घर के सभी वास्तु दोषों की समाप्ति के लिए और वातावरण को पवित्र करने के पारद शिवलिंग / pare ka shivling को घर में रखा जाता है। यदि आप अपने घर में मौजूद दरिद्रता और बुरी शक्तियों का नाश करना चाहते हैं इसे घर में स्थापित कर सकते हैं।

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- थाल या पात्र में एकत्रित जल को पौधों में डाल सकते हैं.

हिंदू धर्मात देवांचे देव महादेव यांना विशेष महत्त्व असून त्यांना देवांचे देव मानले जाते. ज्या व्यक्तीवर महादेवाची कृपा होते, त्या व्यक्तीला जीवनात कशाचीच कमी भसत नाही.

घर, दफ्तर या तिजोरी के उत्तर और पूर्व दिशा में इसकी स्थापना करें।

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